सवाल यह है की मीडिया कब अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगी? मानसिक दिवालिये पन के शिकार नेता (एक अपील अध्यक्ष जी के नाम) यह माना जाता है की जब कोई सियार हुआ-हुआ करना शुरू करता है तो सारे सुरु कर देते हैं.मुंबई बम बिश्फोत के बाद जनता के बिरोध प्रदर्शनों के बाद ये आत्म्लुब्ध अकर्मण्य नेता तिलमिला गए हैं.और सारे के सारेएक ही सुर में बोलना शुरू कर दिए हैं।